ज़माने भर की ईदों से हमे क्या बास्ता,
"_ ऐ_दोस्तों_"
हमारा चाँद दिख जाये, हमारी ईद हो जाये....!!
#mas#
"_ ऐ_दोस्तों_"
हमारा चाँद दिख जाये, हमारी ईद हो जाये....!!
#mas#
मुफ़्त में नहीं आता, यह शायरी का हुनर. . . .इसके बदले ज़िन्दगी हमसे, हमारी खुशियों का सौदा करती है. . .||